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Bird flu के नये म्यूटेशन से दुनिया में महामारी का खतरा

बर्ड फ्लू के नए म्यूटेशन से नई महामारी आने का खतरा हो गया है...

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। बर्ड फ्लू  या एवियन इन्फ्लूएंजा  एक संक्रामक बीमारी है जो पक्षियों में फैलती है। इंसानों में इसका संक्रमण दुर्लभ माना जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में इस वायरस के कारण कई लोगों की मौत हुई है। वैज्ञानिकों ने वायरस में कुछ नए म्यूटेशन देखे हैं जो इसकी संक्रामकता और जटिलता दोनों को बढ़ाने वाले हो सकते हैं।

Bird flu का संक्रमण मवेशियों में भी

बर्ड फ्लू को लेकर अमेरिका में वैज्ञानिकों ने वायरस में एक नया और खतरनाक म्यूटेशन देखा है, जिसने चिंता बढ़ा दी है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नेवादा स्टेट में कई मवेशी एक नए प्रकार के बर्ड फ्लू से संक्रमित पाए गए हैं, जो अब तक अमेरिका में फैल रहे वैरिएंट से अलग है। वायरस के इस नए वैरिएंट को Clade 1.1 नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शुरुआती अध्ययनों में इसकी प्रकृति काफी खतरनाक पाई गई है, जिसमें संभावित रूप से महामारी का कारण बनने की क्षमता हो सकती है।

Bird flu के नए रूप से बढ़ा खतरा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ महीनों में वायरस के अलग-अलग वैरिएंट के कारण गाय, इंसानों और कुछ अन्य जानवरों में संक्रमण देखा गया था। अप्रैल 2024 में पहली बार गाय और गायों से इंसानों में बर्ड फ्लू संक्रमण के मामले देखे गए थे। H5N1 को शोधकर्ता कई प्रकार से घातक मान रहे हैं, इसकी मृत्युदर भी अधिक मानी जाती रही है। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि जिस तरह से इस वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है, ऐसे में इसके कारण संभावित महामारी का खतरा है। अगर महामारी आती है तो निश्चित ही यह कोरोना से कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

Bird flu से मनुष्यों में संक्रमण रोकना कठिन

बर्ड फ्लू में एक नए वैरिएंट की प्रकृति को लेकर चिंता जताते हुए कहा गया है कि जिस तरह से इस वायरस का प्रसार है, ऐसे में इसके जानवरों तथा उनके साथ काम करने वाले लोगों में संक्रमण को नियंत्रित करना कठिन हो सकता है। चूंकि यह वायरस मवेशियों-कच्चे दूध में भी पाया गया है, ऐसे में आशंका है कि इसके कारण गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। यूएस के इन्फ्लूएंजा विशेषज्ञ रिचर्ड वेबी कहते हैं कि हमें हमेशा यही लगता था कि पक्षी से गाय में संक्रमण एक बहुत ही दुर्लभ घटना है। अब यह इंसानों को भी प्रभावित करता हुआ देखा जा रहा है। अब हम जान गए हैं कि संक्रमण की टेस्टिंग करना और परीक्षण जारी रखना वास्तव में क्यों महत्वपूर्ण है? यह बड़ा सवाल बना हुआ है कि क्या हम एक नई महामारी की तरफ बढ़ रहे हैं?

Bird flu के टीके पर ICMR का काम

दुनियाभर में बढ़ती इस संक्रामक बीमारी से बचाव को लेकर भारतीय विशेषज्ञों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के विशेषज्ञों की टीम बर्ड फ्लू वायरस के खिलाफ एक स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रही है। भारतीय स्वास्थ्य अनुसंधान की इस एजेंसी के अनुसार, पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में वायरस के स्ट्रेन उपलब्ध हैं। अब ICMR इस वैक्सीन को बनाने के लिए अन्य कंपनियों के साथ सहयोग करने पर विचार कर रही है। आईसीएमआर ने कहा, इंसानों में H5N1 संक्रमण के कारण मृत्यु दर बहुत अधिक है। 50% से अधिक लोगों की संक्रमण से मौत हो सकती है। हालांकि, इंसानों में मामले काफी दुर्लभ हैं और आमतौर पर संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से होते हैं। इसके लक्षण बुखार और सांस लेने में तकलीफ से लेकर कई अंगों के फेलियर तक हो सकते हैं।

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