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दो और आयुष संस्थानों को NABH और NABL से मिली मान्यता

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आयुष मंत्रालय के केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् (CCRAS) के तहत दो प्रमुख संस्थान केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (CARI), नई दिल्ली और केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झांसी को क्रमशः NABH और NABL की आधिकारिक मान्यता मिल गई है।

दोनों संस्थानों को मिली बधाई

इस उपलब्धि पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने दोनों संस्थानों के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके समर्पण और निरंतर प्रयासों के लिए बधाई दी। आयुष भवन में आयोजित कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव प्रमोद कुमार पाठक, दोनों संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की स्थापना 1979 में हुई थी। यह आयुर्वेद में नैदानिक अनुसंधान के लिए समर्पित है और सामान्य ओपीडी के माध्यम से आयुर्वेद में विशेष ओपीडी, सुरक्षात्मक हृदय रोग विज्ञान और जीवन शैली की चुनौतियों, कान और नाक की ओपीडी, जराचिकित्सा ओपीडी, बालरोग, संधिरोग, क्लिनिकल साइकोलॉजी और मर्म ओपीडी के रूप में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का विस्तार करता है।

झांसी का संस्थान भी अत्याधुनिक

केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झांसी (यूपी)CCRAS, आयुष मंत्रालय के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जिसमें अत्याधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं, आयुर्वेदिक फार्मेसी, सेंट्रल हर्बेरियम और संग्रहालय और नेशनल रॉ ड्रग्स रिपॉजिटरी (NRDR) हैं। इनके अलावा पंचकर्म के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (NARIP), चेरुथुरुथी, त्रिशूर, केरल को भी अपनी नैदानिक प्रयोगशाला सेवाओं के लिए NABLM (EL) T की आधिकारिक मान्यता प्राप्त है।

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