नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (WAC) का उद्घाटन गोवा में हुआ जो 11 दिसंबर तक चलेगा। इसका उद्देश्य आयुर्वेद क्षेत्र को मजबूत करने और आयुर्वेद वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए पेशेवरों तथा उपभोक्ताओं के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 दिसंबर को इसके समापन समारोह में शामिल होने वाले हैं।
2014 में बना पृथक आयुष मंत्रालय
समारोह में केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि 2014 में भारत सरकार ने एक अलग आयुष मंत्रालय की स्थापना करके आयुर्वेद के विश्वव्यापी विस्तार को सुगम बनाया है। उन्होंने कहा कि आयुष आज जिस तरह से तेजी से आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए यह याद रखना चाहिए कि इस विकास का बीज उसी निर्णय में निहित है। श्री नाइक ने कहा-आयुर्वेद कांग्रेस की गतिविधियां पूरी दुनिया में चिकित्सा और कल्याण की ऐसी पारंपरिक प्रणालियों के प्रचार में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
आयुष वीजा ऐतिहासिक फैसला
मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा में विष्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो की मेजबानी का अवसर देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आयुष इलाज के लिए आयुष वीजा की शुरुआत एक ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने घोषणा कि गोवा के छात्रों को संस्थान में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश में 50 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
8 साल में आयुष क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में आयुष क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 2022 के अंत तक आयुष क्षेत्र 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के कोविड-19 महामारी प्रबंधन में आयुष का योगदान बहुत अधिक है। एक अध्ययन से पता चला है कि 89.9 प्रतिषत भारतीय कोविड-19 की रोकथाम और उपचार के लिए कुछ हद तक आयुष पर निर्भर है। इस अवसर पर पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों में उन्नत अध्ययन की सुविधा के लिए अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) और रोसेनबर्ग की यूरोपीय आयुर्वेद अकादमी, जर्मनी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।