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प्राकृतिक चिकित्सा का संदेश लेकर दिल्ली से रवाना हुई साइकिल यात्रा

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु इंडिया गेट से आयुष मंत्रालय के निदेशक विक्रम सिंह ने हरी झंडी दिखाकर साइकिल यात्रा को रवाना किया। यह यात्रा इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन (INO) एवं राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (NIN) पुणे, आयुष मंत्रालय द्वारा 18 नवंबर को होने वाले प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के प्रति जागरूकता के लिए आयोजित की गई है। दिल्ली से आरम्भ हुई यह यात्रा देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए बापू भवन,पुणे जाएगी, जहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार लिया था और इस विषय पर डॉ. दिनशा मेहता से ज्ञान भी लिया था।

प्राकृतिक चिकित्सा प्रासंगिक

इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के निदेशक ने कहा कि वायु प्रदूषण से मुक्ति पाने के लिए एवं समग्र स्वास्थ्य हेतु प्राकृतिक चिकित्सा का दैनिक जीवन में प्रयोग बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जब वायु प्रदूषण बढ़ रहा है हमें अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने हेतु योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद को अपनाना चाहिए।

8 दिन की यात्रा

 

आयुष मंत्रालय के सदस्य व INO के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादार ने बताया कि 11 नवंबर से शुरू हुई यह यात्रा 8 दिन तक चलेगी। इस दौरान मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में प्राकृतिक चिकित्सा शिविरों में यात्री भाग लेंगे और नए लोग इस यात्रा में जुड़ेंगे। बिरादार ने यह भी जानकारी दी कि 18 नवंबर 1945 को महात्मा गांधी ने ऑल इंडिया नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट की पुणे में स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य प्रकृतिक चिकित्सा का लाभ व ज्ञान घर-घर तक पहुंचाना व नेचुरोपैथी का स्वतंत्र विश्वविद्यालय का निर्माण करना था। इसी तारीख को केंद्र सरकार ने ‘प्राकृतिक चिकित्सा दिवस’ की घोषणा की है।

सनातनी तरीके से यात्रा की रवानगी

इस साइकिल यात्रा की अगुवाई कमल बिष्ट, सु श्री गुरलीन कौर, आनंद जैन, नीरज व सुशील यादव ने की। आने वाले दिनों में इस यात्रा में और भी प्राकृतिक चिकित्सक, योग साधक व अन्य जुडेंगे। यात्रा के सभी प्रतिभागियों का प्छव् दिल्ली कमेटी के सदस्य डॉ संजय रांघड़ा, डॉ बिनीता तिवारी, डॉ. अनीता निगम, डॉ. रविंद्र नेगी, डॉ. इरफान खान, डॉ. पूरन चंद, राजीव अग्रवाल एवं त्रिभुवन सिंह की ओर से फूल-माला पहनाकर, माथे पर तिलक लगाकर व आरती कर के रवाना किया गया।

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