स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

फुलवारीशरीफ जेल में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

पटना (स्वस्थ भारत मीडिया)। फुलवारीशरीफ जेल में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें विचाराधीन और सजाफ्यता बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन कर उचित सलाह दी गयी। इसका आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं लॉ फाउंडेशन ने किया था।

समाज को दें गुणात्मक योगदान

इस अवसर पर मनोचिकित्सक डॉ. मनोज कुमार ने बंदियों को उनके बदलते मानसिक समस्या के प्रति जागरूक होने और बाहर निकलने पर परिवार व समाज के लिए गुणात्मक योगदान देने के लिए उन्हें अभिप्रेरित किया। डॉ. मनोज ने बताया कि आज नशा कर अपराध करना एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। शराबबंदी के बावजूद सूखे नशे का प्रचलन बढ रहा है जो आनेवाले समय में समाज के लिए खतरा साबित हो सकता है। उन्होंने कैदियों से कहा कि जेल में आने के अनेक वजह हो सकते हैं लेकिन अगर वे स्व-मूंल्याकन करें तो वह खुद को समझ सकते हैं।

बंदियों से मनोशैक्षणिक अपील

जो बंदी शराब पीकर अपराध कर चुके हैं, उनके लिए डॉ. कुमार ने बताया कि शराब एक उत्तेजनशील मादक पदार्थ है जिससे व्यक्ति का मस्तिष्क का सीएनएस प्रभाग स्टूमिलेन्ट होकर अधिक सक्रिय होकर जोश प्रदान करता है। व्यक्ति अपना नियंत्रण खोकर अपराध कर बैठता है। ज्यादातर लोग थ्रिल के लिए नशा करते हैं जिससे वे कानून की गिरफ्त में चले जाते हैं। उन्होंने जेल में रहते हुए अपने व्यवहार, विचार और पुराने अनुभवों को बदलकर परिवार और समाज से जुड़ने की मनोशैक्षणिक अपील की। इस अवसर पर बंदियों के अनेक प्रश्नों के जवाब भी उन्होंने दिए।

कानूनी सहायता की दी गयी जानकारी

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता व पैनल जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के संतोष कुमार द्रारा सरकार की ओर से मिलने वाली निःशुल्क कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी। उन्हांेने बताया कि वैसे लोग जो निराश्रित, दिव्यांग, किन्नर, अनाथ, आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिनकी आय डेढ़ लाख तक प्रतिवर्ष है और जो किसी कारणवश विचाराधीन कैदी हैं, उन्हें सरकार द्वारा निचले कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अधिवक्ता फ्री में मुहैया करायी जाती है। लॉ फाउंडेशन की ओर से गुरुदेव नंदा, एडवोकेट शालनी, जेल अधीक्षक श्री लालबाबू इस अवसर पर उपस्थित रहे।

Related posts

पेयजल में मिले कैंसर पैदा करने वाले रसायन

admin

Big success : एक ब्लड टेस्ट से 50 तरह के कैंसर की होगी पहचान

admin

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से गढ़ें पत्रकारिता का स्वर्णिम काल : हरिवंश

admin

Leave a Comment