डीडी नेशनल पर बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने शारीरिक सेहत के साथ-साथ आर्थिक सेहत पर ध्यान देने की बात कही है। पूरी रिपोर्ट लेकर आए आशुतोष कुमार सिंह
नई दिल्ली/ एसबीएम
भारत सरकार अब देश की आर्थिक सेहत को भी सुधारने में जुट गई है। इस बावत DD National टी वी चैनल के Live phone in कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि, प्रधानमंत्री जी ने कल आत्मनिर्भरता का जो मंत्र दिया है। उसका अर्थ यही है कि कोविड-19 के कारण 50 दिन के लॉकडाउन में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी कामधंधे बंद हैं। इसलिए देश की शारीरिक सेहत के साथ आर्थिक सेहत भी जरूरी है।’
लॉकडाउन में छात्रों के लिए सीएसआईआर-निस्केयर की ऑनलाइन प्रतियोगिता
उन्होंने आगे कहा कि, पीएम श्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत इस आपदा को अवसर में बदलने की ओर अग्रसर है। श्री मोदी जी ने देश की अर्थव्यस्था में उछाल लाने के लिए 5 स्तंभों का जिक्र किया है। आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, इन्ही पांचों स्तंभों पर खड़ी होगी।प्रधानमंत्री जी गरीबों के मसीहा हैं। उन्होंने लॉकडाउन शुरू होते ही सबसे पहले गरीबों के बारे में सोचा और एक लाख सत्तर हजार करोड़ का पैकेज दे दिया। जिससे गरीबों की उदरपूर्ति का साधन बन गया, उनके खातों में पैसे पहुंच गए और दिव्यांग तथा अन्य गरीब लोगों की सहायता हो गई।
आत्मनिर्भर भारत अभियान: लोकल से वोकल तक
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी जो भी काम करते हैं पूरे दृढ़निश्चय और गट्स के साथ करते हैं। आज लॉकडाउन की वजह से सभी प्रकार के उद्योग धंधे बंद हैं। उनके लिए आज वित्तमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा करी है। जो भारत के विश्व गुरू होने की बात होती थी मेरे विचार में वह 2014 में उसी समय से शुरू हो गई जब श्री मोदी जी प्रधानमंत्री बने थे। उनके नेतृत्व में भारत ने हर समस्या का सफलतापूर्वक सामना किया है। हम स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो रहे हैं। स्वदेशी का भाव विकसित हो रहा है।
कोरोना योद्धाः मिलिए इंसानियत के सिपाहियों से
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड शुरू होने के समय हमें पीपीई और मास्क विदेश से मंगाने पड़ते थे। आज हमारे 109 विनिर्माता पीपीई और 10 विनिर्माता एन 95 मास्क बना रहे हैं। आज हम प्रतिदिन 1-1 लाख से ज्यादा ये चिकित्सा सामान बना रहे हैं। यहां तक कि राज्यों को ये आइटम अब इतनी अधिक मात्रा में भेज चुके हैं कि अब उनके पास रखने की जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के पास रोजाना एक लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट करने की क्षमता हो गई है। देश हर पैमाने पर इस वैश्विक महामारी से जीत की ओर अग्रसर है।
कुपोषित भारत की कैसे बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता
उन्होंने कहा कि अब मैं हर राज्य से कोविड की तैयारी और ताजा हालात के बारे में समीक्षा करता हूं। इसके साथ-साथ रेडजोन के कलेक्टर से बात करके हॉट स्पॉट क्षेत्रों से सीधे संपर्क करता हूं। मुंबई,अहमदाबाद,आगरा जैसे कुछ शहर ऐसे हैं जहां स्लम्स हैं सोशल डिस्टेंसिंग व्यावहारिक नहीं है। ऐसे क्षेत्रों के लिए अलग रणनीति बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि आज देशभर में हर कोई जागरूक हो गया है कि छोटी-छोटी बातों को ही अपने जीवन में अपनाकर कोविड-19 से बचा जा सकता है। इनमें किसी भी काम को करने से पहले और बाद में अपने हाथ साबुन से धोना,श्वसन स्वच्छता रखना, हाथों को बार-बार मुंह से न लगाना, घर में भी सोशल डिस्टेसिंग करते हुए मास्क लगाए रखना, घर के बुजुर्गो ,बच्चों, गर्भवती स्त्रियों और किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों का विशेष ध्यान रखना शामिल है।
अंत में उन्होंने कहा कि, हमारा देश कोविड-19 से लड़ने के लिए पूरी तरह जागरूक है। हमारे सीएसआईआर और डीएसटी व डीबीटी के वैज्ञानिक तथा आईसीएमआर के डॉक्टर्स मिलकर पूरी योग्यता और क्षमता से काम कर रहे हैं। कोरोनावारियर्स के जज़्बे और हिम्मत को देखकर सहज ही विश्वास हो जाता है कि हम निश्चित रूप से कोविड पर विजय प्राप्त करेंगे।