स्वस्थ भारत मीडिया
कोविड-19 / COVID-19 समाचार / News

कोरोना से लड़ने के लिए अपर्णेश शुक्ल ने बनाया नर्सिंग रोबोट

यह स्वचालित नर्सिंग रोबोट सामाजिक तथा शारीरिक दूरी बनाते हुए मरीजों को आवश्यकता की लगभग समस्त सामग्री पहुँचा सकता है।

वर्धा, 30 अप्रैल 2020/एसबीएम
कोरोना-19 वैश्विक महामारी से बचाव के लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ने अपने सामाजिक उत्त-रदायित्व के निवर्हन की निरंतरता में पूर्णत: स्वलचालित यंत्र नर्सिंग रोबोट का निर्माण कर एक महत्वपूर्ण तकनीकी को विकसित किया है। यह स्वचालित नर्सिंग रोबोट सामाजिक तथा शारीरिक दूरी बनाते हुए मरीजों को आवश्यकता की लगभग समस्त सामग्री पहुँचा सकता है।

इसे भी पढ़े कोरोना से बचाव की संजीवनी कहीं मिल तो नहीं गई!

इस यंत्र का निर्माण विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य अपर्णेश शुक्ल ने किया है जिसे एक सामान्य समारोह में निवासी उपजिलाधिकारी श्री सुनील कोरडे, अस्पताल के जिला शल्य चिकित्सक डॉ. पुरुषोत्तम मड़ावी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा.अजय डवले, डॉ. अनुपम हिवलेकर, विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी बी एस मिरगे, सहायक कुलसचिव डॉ. राजेश्वर सिंह की प्रमुख उपस्थिति में जिला सामान्य अस्पताल को नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया जिससे मरीजों के इलाज में आसानी हो सके।
इसे भी पढ़े कोरोना से बचाने के लिए यह तकनीक अपना रहा है चीन
लगभग 13 किलो वजन का यह यंत्र 25 किलो वजन की सामग्री रोगी तक पहुँचा सकता है। श्री अपर्णेश शुक्ल ने इसे लॉकडाउन के दौरान विश्वविद्यालय के भीतर मौजूद स्क्रैल सामग्री का इस्तेमाल करते हुए इसे बनाया है। अत्यंत कम लागत पर बना यह यंत्र कोरोना महामारी के संकट में बड़ी और महत्वपूर्ण राहत देने वाला साबित होगा।
ज्ञातव्य है कि अपर्णेश ग्वालियर में एमबीए कर रहे हैं तथा होली के अवकाश में अपने परिवार के बीच त्यौहार मनाने आये हैं। इसी बीच लॉकडाउन हो जाने के कारण उन्हें रुकना पड़ा। इस कार्य में विश्वविद्यालय के अन्य सदस्यों का सहयोग भी उन्हें प्राप्त हुआ।
बुधवार को सामान्य अस्पताल में इस यंत्र का परिचालन किया गया। उपजिलाधिकारी श्री कोरडे ने इसे एक बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि इस प्रकार का यंत्र प्राप्त होने वाला वर्धा पहला जिला बना है। कोरोना के रोगियों का इलाज करने में यह यंत्र बहुत ही उपयोगी साबित होगा। रोगी के पास न जाकर उसका इलाज करने और उसे आवश्यक सामग्री देने के लिए यह यंत्र सचमुच में स्वास्थ्य दूत साबित होगा।
इस मौके पर अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी प्रवीण गावंडे और अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे। इस यंत्र के संदर्भ में श्री अपर्णेश शुक्ल ने बताया कि भविष्य में इसे 360 डिग्री कैमरा, सेंसर तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का इस्तेमाल करते हुए और अत्याधुनिक बनाया जाएगा।

Related posts

10 करोड़ आदिवासी जनसख्या के स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यशाला

Ashutosh Kumar Singh

सोशल डिस्टेंसिंग रामबाण साबित होगा

Ashutosh Kumar Singh

दालचीनी के उपभोग से prostate cancer को रोकना संभव

admin

Leave a Comment