नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। राजधानी में 16-17 दिसंबर को अखिल भारतीय होम्योपैथिक कांग्रेस का आयोजन हुआ जिसका विषय था होम्योपैथी के साथ स्वास्थ्य, खुशी, और समरसता (होम्योपैथी के साथ 3H) जिसमें भारत भर से 800 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। इसका आयोजन होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HMAI) की दिल्ली शाखा ने किया था।
60 शोधपत्र सामने आये
दिल्ली के HMAI अध्यक्ष डॉ. ए.के. गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य होम्योपैथी को समृद्ध स्वास्थ्य दृष्टिकोण में समाहित करना था। इसमें 60 से अधिक प्रमुख डॉक्टरों ने अपने अनुभवों को प्रस्तुत किया, जिससे होम्योपैथिक अनुसंधान में ज्ञान और प्रगति में शानदार योगदान रहा। इसमें डॉक्टरों ने अपने शोध पत्रों और अनुभव के साथ अपने काम को साझा किया। गैस्ट्रो, न्यूरो और ओन्कोलॉजी में एकीकृत सत्र भी 13 वैज्ञानिक सत्रों के साथ दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम ने इसे होम्योपैथी में नैदानिक अनुसंधान और विकास के बारे में बहुत शिक्षाप्रद और सीखने वाला बना दिया।
दिग्गजों को किया गया सम्मानित
उद्घाटन समारोह आईजी अमतेंद्र सिन्हा (CRPF) और डॉ. सुदीप्त नारायण रॉय (अध्यक्ष-एसोचैम राष्ट्रीय आयुष टास्क फोर्स), डॉ.सुभाष कौशिक (महानिदेशक सेंट्रल काउंसिल ऑफ रिसर्च इन होम्योपैथी (CCRH), डॉ.सुभाष कौशिक और निदेशक राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (NIH) डॉ. सुभाष सिंह सम्मानित अतिथि थे। सम्मेलन में होम्योपैथी के कुछ चयनित जीवित दिग्गजों को सम्मानित किया गया और आज की प्रगति और भविष्य में होम्योपैथी को आगे बढ़ाने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए इसे हर घर तक पहुंचाने के लिए स्मारिका और पुस्तकों का विमोचन किया गया।