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कोरोना की मारः अधर में है लाखों शिक्षार्थियों का भविष्य

गायत्री सक्सेना, स्वतंत्र पत्रकार

कोरोना के मार से उबरने के लिए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुझाव दिया है कि दसवीं-बारहवीं की परीक्षा न लेकर आंतरिक परिक्षाओं के अंक-पत्र के आधार पर शिक्षार्थियों को उतीर्ण कर दिया जाए। पूरी स्टोरी लेकर आई हैं गायत्री सक्सेना

नई दिल्ली/1/05.20/एसबीएम

कोरोना के कहर से बचने के लिए लॉकडाउन ही एक मात्र साधन बताया जा रहा है। वही दूसरी तरफ इस लॉकडाउन के चलते देश के लाखों शिक्षार्थियों का भविष्य अधर में पड़ गया है। सभी इस उधेरबुन में हैं कि उनकी परीक्षा कब ली जाएगी। उनकी आगे की पढ़ाई कब शुरू होगी। परीक्षा वैसे भी शिक्षार्थियों के लिए मानसिक तनाव का कारण होता रहा है। ऐसे में जब परीक्षा को लेकर साफ-साफ कुछ कह पाना सरकार के लिए संभव नहीं है तो अंदाजा लगाइए कि छात्रों की मनः स्थिति क्या होगी?

कोरोना का शिक्षा पर प्रभाव को कमतर करने की सरकारी पहल

लॉकडाउन के इस काल में हालांकि कि सरकारों ने छात्रों को कई तरह की शैक्षणिक सुविधाएं देने की कोशिश की है। कई परिवर्तन किए गए हैं। ई-कक्षाओं के द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। विद्यालयों  में 10 वी और 12 वी के विद्यार्थियों को छोड़ कर अन्य सभी विद्यार्थियों को इंटरनल परीक्षा के अंक के आधार पर उर्तीण करके अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया गया है। परन्तु 10वीं और 12वीं  के विद्यार्थियों के लिए परिक्षा की समस्या अभी भी यथासंभव बनी हुई है। बोर्ड की परीक्षा विधार्थियों के लिए इन विषम परिस्थितियों के चलते अग्नि परीक्षा बन गयी है।

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दिल्ली के शिक्षा मंत्री का सुझाव

इन विद्यार्थियों की समस्या के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ से कहा है कि वर्तमान समय में दिल्ली की गंभीर स्थिति को देखते हुए दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों की परीक्षा लेना असंभव लग रहा है। इस कारण दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों को भी 9वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों की भांति इंटरनल परीक्षाओं के नंबर के आधार पर बिना परीक्षा पास कर देना इस समस्या का संभव समाधान हो सकता है।

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मानव संसाधन मंत्री की बात

इस समस्या के विषय पर विचार करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने पिछले दिनों सोशल मीडिया के माध्यम से अभिभावकों से परीक्षा संबंधी तमाम मुद्दों पर बात की। इस संदर्भ में बात करते हुए  अभिभावको ने सबसे ज्यादा चिंता बोर्ड की परीक्षा पर जताई और इस विषय पर अभिभावकों द्वारा अधिक प्रश्न भी किए गये। मानव संसाधन विकास मंत्री का कहना है कि 83 विषय की परीक्षा अभी तक पेंडिंग है। जिसमें सिर्फ 29 ही मुख्य विषय हैं। सीबीएसई ने सभी मुख्य विषयों की सूची पहले से जारी कर दी थी। संभव है कि बोर्ड  की परीक्षाएं लॉकडाउन खत्म होने के बाद स्थिति सुधरने पर आयोजित की जाएगी।

 कब खत्म होगी कोरोना-काल की घड़ी

लॉकडाउन के चलते अधर में लटक चुकी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की ओर से अलग-अलग बयान का आना शिक्षार्थियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि दोनों सरकारें जल्द इस पर सार्थक एवं सकारात्मक फैसला लेंगी। ताकि शिक्षार्थियों की नकारात्मक हो रही मनः स्थिति को सकारात्मक किया जा सके।

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