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प्रवासी श्रमिकों को उनके ट्रेड के अनुसार मिलेगा रोजगारः श्याम रजक, उद्योग मंत्री बिहार

बिहार की ओर प्रवासी मजदूरों का जाना जारी  है। ऐसे में उन्हे रोजगार किस तरह का मिलेगा बता रहे हैंं बिहार के उद्योग मंंत्री श्याम रजक। आशुतोष कुमार सिंह की रिपोर्ट 

 
नई दिल्ली/पटना
बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिले के महाप्रबंधकों से बैठक की, स्वदेशी वस्तुओं के उत्पादन पर जोर दिया। प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग कर ट्रेड के अनुसार रोजगार के अवसर मुहैया कराने की बात कहा है।
15 मई को  बिहार के उद्योग मंत्री ने सभी जिले के महाप्रबंधकों के साथ बैठक किया। इस बैठक में अन्य राज्यों से आये प्रवासी मजदूरों/कामगारों की स्थिति राज्य में कार्यरत इकाई, अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा उद्यमी योजना की समीक्षा की गई।
स्वदेशी वस्तुओं के उत्पादन पर जोर
 श्री रजक ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित स्वदेशी वस्तुओं के उत्पादन पर जोर दिया जाना है। इस बावत उन्होंने सभी जिले के महाप्रबंधकों से पूछा कि उनके जिले में कौन-कौन से स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण किया जा सकता है, उनका चयन कर उसको बढ़ावा दिया जाय। इस बैठक में मंत्री द्वरा सभी महाप्रबंधकों को निर्देश दिया कि जो प्रवासी मजदूर/कारीगर बाहर से आये है उनकी लगभग 77,000 की संख्या है उसे जल्द से जल्द स्कील मैपिंग का कार्य पुरा किया जाय और जो जिस ट्रेड से संबंधित है उसको रोजगार मुहैया कराने का अवसर दिया जाय।
स्थानीय उद्योगों में दी जाएगी नौकरी
इस बावत महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, पटना  ने बताया कि बाहर में जो मजदूर /कामगार आये हैं उसमें जो दक्ष श्रमिक हैं उसको स्थानीय  उद्योगों में कार्य देने की बात चल रही है। कुछ उद्योगों ने नियोजित करने की भी इच्छा व्यक्त की है। बिहार उद्योग संघ के अध्यक्ष ने भी दक्ष श्रमिकों की सूची की मांग की है ताकि वैसे उद्योग जिनके कारीगर/मजदूर  बाहर चले गये हैं और उनके फैक्ट्री का उत्पादन शुरू नहीं हो रहा है, वहां उत्पादन शुरू किया जा सके। पटना में स्थानीय मांग के आधार पर जैसे-पैकेजिंग इंडस्ट्रीज आदि के स्थापना का प्रयास करने हेतु उद्योग मंत्रालय ने आदेश दिया है।
27,488 कामगार कार्यरत
सभी जिले में कार्यरत इकाइयों की समीक्षा में यह बात सामने आई कि अभी तक 3,000 इकाई 38 जिलों में कार्यरत है तथा 27,488 कामगार कार्य कर रहे हैं। बियाडा प्रक्षेत्र में 569 इकाइयां कार्यरत है जिसमें 9,237 कामगार कार्य कर रहे हैं। इस बावत उद्योग मंत्री ने सभी जिलों के महाप्रबंधकों को यह निर्देश दिया है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को जल्द से जल्द उत्पादन में लाया जाय और इकाई को जो भी कठिनाई हो उसका तुरंत जिला प्रशासन या विभागीय सचिव के सहयोग से तुरंत समाधान किया जाय।
अनुसूचित जाति/जनजाति योजना की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि अभी तक वर्ष 2020-21 में 564 लोगों को 27.56 करोड़ रूपये की राशि विमुक्त की गई है। जिस जिला में प्रगति असंतोषजनक है उसमें बक्सर एवं भागलपुर शामिल है। बैठक में उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल ने सभी महाप्रबंधको को निर्देश दिया कि जिन लाभूकों को खाता नहीं खुला है उनका तुरंत खाता खुलवाया जाय और इसकी सूचना विभाग को दिया जाय। इसमें ढिलाई बरतने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
ऑनलाइन मिलेंगे खादी के कपड़े   
उद्योग मंत्री द्वारा यह घोषणा की गई कि बिहार राज्य के  खादी कप़ड़ों की बिक्री हेतु ऐप, सिल्क के कपड़ों की बिक्री के लिए ऐप एवं बिहार हस्तशिल्प कलाओं  के लिए ऐप का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने सचिव, उद्योग को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द ऐप तैयार किया जाय और इसका प्रचार-प्रसार किया जाय।

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