कोरोना-काल में अनुशासित होती दिनचर्या को रेखांकित कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार आदर्श प्रकाश सिंह
एसबीएम/मन की बात
कोरोना रूपी महामारी से पूरा देश लड़ रहा है। हम लोगों ने इससे पहले कभी ऐसे हालात का सामना नहीं किया जो आज पूरी दुनिया में देख रहे हैं। सार्स इन्फ्ल्यूएंजा, डेंगू, स्वाइन फ्लू आदि कई बीमारियों ने दस्तक दी और भारत वासियों ने इन्हें सफलता पूर्वक परास्त भी किया। बीमारियां गंदगी में जन्म लेती हैं और तेजी से फैलती हैं। यह सबक हम अब तक नहीं सीख पाए थे लेकिन कोविड-19 ने हमें साफ सफाई के नए नियमों से परिचित करा दिया है।
स्वास्थ्य के प्रति हम भारतीयों की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है। शहरों में जगह-जगह कूड़े के ढेर अब भी दिख जाते हैं। पान या पान मसाला खाकर सड़क और सार्वजनिक स्थानों को बदरंग भी हम ही करते हैं। लेकिन अब इस तरह थूकने पर जुर्माना तो लगेगा ही साथ ही सजा भी हो सकती है। केन्द्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने कोरोना से निपटने के लिए बकायदा इस बारे में दिशा निर्देश जारी किया है। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता मिशन चलाया था। इसी के तहत खुले में शौच पर काफी हद तक रोक लग चुकी है। मौजूदा कोरोना संकट ने बार बार हाथ धोना, चेहरे पर मास्क लगाना और सामाजिक दूरी बना कर रखने का संदेश दिया है। उम्मीद है अब लोग इधर उधर थूकने से बाज आएंगे।
स्वच्छता का सीधा संबंध हमारी सेहत से है। कोरोना काल में हम सब जिस जीवन शैली में रह रहे हैं वह लंबे समय तक चलने वाला है। इस वायरस ने हमें अच्छी आदतें सिखा दी हैं। आइए हम देशवासी शपथ लें कि साफ सफाई का दामन अब कभी नहीं छोड़ेंगे। मरते दम तक इसका साथ निभाएंगे। इसी में हमारा,आपका और देश का कल्याण निहित है।
इसे भी पढ़ें
तो क्या भारत में ईजाद होगी कोरोना की वैक्सीन
भारत में बढ़ रहा है कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग का आंकड़ा
कोविड-19: World Health Assembly में Super Humans के लिए बजी ताली
कोरोना योद्धाः लॉकडाउन में भी गुरुज्ञान जारी, एमसीयू में जारी हैं ऑनलाइन कक्षाएं
कोरोना के बाद का भारत ज्यादा आत्मनिर्भर व समर्थ होगा