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जानिए किन मित्रो ने संभाली बुजुर्गों के स्वास्थ्य की कमान…

स्वस्थ भारत यात्रा-2 के दौरान स्वस्थ भारत ने जनऔषधि संचालकों एवं फार्मासिस्टों को दिया था जनऔषधि मित्र का खिताब। 21 हजार किमी की इस यात्रा में जनऔषधि के प्रति लोगों को जागरूक किया गया था एवं जनऔषधि संचालकों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास हुआ था। आज वह प्रयास सार्थक होता दिख रहा है, जब कोविड-19 से लड़ने के लिए सभी जनऔषधि मित्र आगे आ रहे हैं।

 

आशुतोष कुमार सिंह

भारत में कोरोना से कई स्तरों पर लड़ा जा रहा है। देश भर में फैले जनऔषधि मित्रो ने कोरोना को मात देने के लिए कमर कस लिया है। स्वस्थ भारत यात्रा-2 के दौरान स्वस्थ भारत (न्यास) और प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के संयुक्त तत्वाधान में देश भर में जनऔषधि मित्र बनाए गए थे। देश भर में जितने भी जनऔषधि केन्द्र हैं उनको एक दूसरे से जोड़ने के लिए स्वस्थ भारत ने 21000 किमी की देश व्यापी यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान स्वस्थ भारत के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह की परिकल्पना को साकार करते हुए जनऔषधि मित्र बनाए गए थे। बाद में संस्था ने देश भर के सभी जनऔषधि केन्द्रों के फार्मासिस्टों को जनऔषधि मित्र माना। आज ये मित्र बुजुर्गों को घर-घर जाकर दवाइयां दे रहे हैं।

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दवाइयों की आपूर्ति निर्बाध चल रही है: सीइओ, पीएमबीजेपी

 दवाइयों की आपूर्ति में बाधा होने के संबंध में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के सीइओ सचिन कुमार सिंह ने बताया कि, लॉकडाउन के कारण महज 20 दवाइयों का उत्पादन एवं वितरण प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि, अभी भी जनऔषधि केन्द्रों पर 730 दवाइयां उपलब्ध है। पिछले वित्तीय वर्ष में जनऔषधि ने 435 करोड़ रुपये की दवा आपूर्ति की है। उन्होंने बताया कि हाइड्रो क्लोरोक्वीन की कमी भारत में नहीं है। अकेले जनऔषधि ने पिछले दिनों 20 लाख इकाई की आपूर्ति की है। 40 लाख हाइड्रो क्लोरोक्वीन का ऑर्डर दिया जा चुका है। इस दौरान जनऔषधि द्वारा 2 लाख सामान्य मास्क और 20 हजार एन-95 की आपूर्ति किया गया है। 2 लाख सामान्य एवं 20 हजार एन-95 मास्क का ऑर्डर भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि भारत के पास अगले पांच महीने तक का पारासेटामल का स्टॉक है।

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पैनिक होने की जरूरत नहीं है

 जनऔषधि के सीइओ सचिन कुमार सिंह ने स्वस्थ भारत मीडिया से विशेष बातचीत में बताया कि, ‘दवाइयों की आपूर्ति की जा रही है। किसी को भी पैनिक होने की जरूरत नहीं है। जनऔषधि से जुड़े सभी कर्मचारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता लोगों को दवा पहुंचाने में मदद कर रहे हैं।’

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ध्यान देने वाली बात यह है कि वर्तमान में पूरे देश में 6300 से अधिक जनऔषधि केन्द्र हैं। देश के 726 जिलों में इसका फैलाव है।

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